हरियाणा

गुरुग्राम की फरुखनगर तहसील में म्यूटेशन चढ़वाने के नाम पर पटवारियों की बल्ले-बल्ले?

 

 

सत्य ख़बर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज:

प्रदेश में तीसरी बार सत्ता में आई भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मिटाने के दावे तो आए दिन कर रही है। लेकिन भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी हो गई कि भ्रष्टाचार दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। जिससे प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसा ही नजारा आज कल पटौदी विधानसभा क्षेत्र के कस्बा फरुखनगर तहसील में खूब देखा जा सकता है। जहां पर जमीन की रजिस्ट्री करने के बाद निवासी म्यूटेशन चटवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

 

राजस्व विभाग रिकॉर्ड अनुसार रजिस्ट्री भले ही घर-जमीन के संबंध में बुहत महत्वपूर्ण दस्तावेज हो, लेकिन यह आपको प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक दिलाना सुनिश्चित नहीं करता है, जिसमें अक्सर लोग रजिस्ट्री कराने के बाद निश्चिंत हो जाते हैंऔर प्रॉपर्टी खरीदते समय भी सबसे ज्यादा फोकस रजिस्ट्री के कागजों पर ही रखते हैं, जबकि म्यूटेशन कराना भी उतना ही जरूरी है जितना रजिस्ट्री करानी म्यूटेशन का मतलब नामांतरण होता है। गुरुग्राम की तहसील फरुखनगर मे ऐसे दर्जनो मामले है जिसमें म्यूटेशन समय पर दर्ज नही होने की वजह से लोग दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पटवारी के पास गैर कानूनी रूप से कार्य कर रहे मुंशी म्यूटेशन के नाम पर न केवल गुमराह करने में लगे है, बल्कि लूट मचाए हुए है ये लोग पटवारी तहसीलदार एवं गिरदावर आदि की फीस के नाम पर हजारो रुपये लोगों से ले रहे है।

 

*क्या कहते हैं तहसीलदार*

 

फरूखनगर तहसीलदार नवनीत कौर का कहना था कि म्यूटेशन के नाम पर किसी को पैसे ना दिए जाए । वहीं उन्होंने लोगों से कहा कि अगर आपको लगता है कि रजिस्ट्री करा लेने भर से ही प्रॉपर्टी आपकी हो जाएगी तो आप गलतफहमी में हैं। भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि आप उसका नामंतरण यानी म्यूटेशन जरूर चेक करा लें, आपको ये भी पता होना चाहिए कि केवल सेल डीड से नामांतरण नहीं हो जाता है ।

 

 

*कैसे करवाएं नामांतरण ( म्यूटेशन )*

 

भारत में अचल संपत्ति मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है. पहली खेती की जमीन, दूसरी आवासीय जमीन, तीसरी औद्योगिक जमीन इस जमीन के साथ मकान भी सम्मिलित हैं. इन तीनों ही प्रकार की जमीनों का नामांतरण अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है. जब भी कभी किसी संपत्ति को सेल डीड के माध्यम से खरीदा जाए या फिर किसी अन्य साधन से अर्जित किया जाए तब उस दस्तावेज के साथ संबंधित कार्यालय पर उपस्थित होकर संपत्ति का नामांतरण करवा लेना चाहिए।

 

वहीं अलग-अलग राज्यों के राज्य से रिकॉर्ड अनुसार भी कुछ भिन्नताएं मिलती है। वहीं जो जमीन खेती की जमीन के रूप में दर्ज होती है ऐसी जमीन का नामांतरण उस पटवारी हल्के के पटवारी द्वारा किया जाता है। आवासीय भूमि का नामांतरण कैसे किया जाए, आवासीय भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड उस क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या फिर गांव के मामले में ग्राम पंचायत के पास होता है, वहीं औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड औद्योगिक विकास केंद्र जो प्रत्येक जिले में होता है उसके समक्ष रखा जाता है ऐसे औद्योगिक विकास केंद्र में जाकर यह जांच करना चाहिए। इनकी जांच प्रचार करने से ही धोखाधड़ी जमीनों में होने से काफी बचाव रहता है।

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